ग्लोबल वार्मिंग महिलाओं के खिलाफ हिंसा है


केवल सौ वर्षों में, औद्योगीकरण, उपभोक्तावाद, व्यक्तिवाद, विनाश, लूटपाट और हिंसा ने जलवायु को इतना बदल दिया है जितना कि ग्रह के इतिहास में पहले कभी नहीं था । और भले ही अधिक औद्योगीकृत देशों के मुकाबले, कम औद्योगीकृत देश ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में उतना योगदान नहीं करते हैं, लेकिन फिर भी संरचनात्मक रूप से बहिष्कृत लोगों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का खामियाजा भुगतना पड़ता है, विशेष रूप से वैश्विक दक्षिण क्षेत्र के आदिवासी, एफ्रो-वंशज, प्रवासी, और हाशिए पर रहने वाली शहरी महिलाएं और लड़कियां।

यह वास्तविकता पर्यावरण और जलवायु न्याय के लिए प्रयास करने की ओर इशारा करती है, जो कि लैंगिक न्याय से अटूट रूप से जुड़े हुए हैं। गहरी सामाजिक और लैंगिक असमानताओं के कारण, बड़े शहरों के बाहरी इलाके में या ग्रामीण समुदायों में रहने वाली महिलाएं अक्सर पानी और मिट्टी के प्रदूषण, अतिरिक्त कचरा, बाढ़, तूफान, लंबे समय तक सूखे, गर्मी की लहरों, जानवरों की प्रजातियों और पारिस्थितिकीय तंत्र को होने वाले नुकसान, नई महामारियों और बीमारी के प्रसार से सबसे अधिक प्रभावित होती हैं।

दक्षिणी मेक्सिको में महिलाओं के साथ काम करने वाले एक पारिस्थितिक नारीवादी संगठन के रूप में हम इसे प्रत्यक्ष रूप से जानते हैं। हमारी स्थापना के बारह वर्षों में, अगुआ वाई विदा: मुजेरेस, डेरेचोस वाई एम्बिएंट (जल और जीवन: महिला, अधिकार और पर्यावरण) ने 700,000 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित किया और जानकारी प्रदान की है जिससे कि पर्यावरण अधिकारों की रक्षा के लिए उनके संघर्ष में उनका सहयोग किया जा सके। इस उपलब्धि के लिए हमने कार्यशालाओं, प्रशिक्षण कार्यक्रमों, पैरवी अभियानों, फिल्म स्क्रीनिंग, मंचों और बैठकों जैसे प्रयास किए हैं। हमने बहिष्कार और उनके साथ होने वाली मौखिक और शारीरिक हिंसा के बावजूद, संगठित महिलाओं द्वारा अपने क्षेत्र, जल, भूमि, बीज और पैतृक ज्ञान की रक्षा के लिए किए गए कार्यों के बारे में जागरूकता बढ़ाई है। ज़मीनी स्तर पर महिलाएं पर्यावरण और जलवायु न्याय के पक्ष में ठोस कार्रवाई कर रही हैं।

दक्षिणी मेक्सिको में स्थित चियापास में जब महिलाएं ग्लोबल वार्मिंग की बात करती हैं तो हम रोज़मर्रा की जिंदगी की बात कर रहे होते हैं। हम कार्बन मूल्य निर्धारण या तापमान में बदलावों की गणना के बारे में बात नहीं करते। हम बात करते हैं कि खाने के दाम बढ़ रहे हैं; रोग बढ़ रहे हैं जबकि दवा कम सुलभ होती जा रही है; बारिश से घर और फर्नीचर बह रहे हैं; बीज खत्म हो रहे हैं; भूमि अब उत्पादन नहीं कर पा रही है; और पानी अधिक प्रदूषित और दुर्लभ होता जा रहा है। हम बात करते हैं कि कैसे रोज़मर्रा का जीवन  हर दिन कठिन होता जा रहा है।

जब नवंबर 2020 में चियापास  में तूफान एटा आया, तो हम जिन महिला समूहों के साथ थे – जो अपने खुद के उपभोग के लिए मिट्टी की बहाली, पुनर्वनीकरण, जैविक उद्यान, और चिकन फार्म जैसे कार्यों को अंजाम देने के लिए संगठित हुई थीं – बारिश में उन्होंने सब कुछ खो दिया।

इसलिए, जब अश्वेत महिलाएं ग्लोबल वार्मिंग की बात करती हैं, तो हम अपने जीवन और हमारे अनुभवों के बारे में बात करते हैं, बहिष्कार, हाशिए पर, और संरचनात्मक हिंसा के विभिन्न रूप, जो हम अपने शरीर में महसूस किए हैं – शरीर जो ऐसे क्षेत्रों में जीती हैं जिन्हें लगातार लूटा गया और 500 से अधिक वर्षों के लिए वहाँ उपनिवेशी ताकतों का शासन रहा। यदि कंपनियां ग्रह पर गर्मी बढ़ाने वाली गतिविधियों को कम नहीं करती हैं – जैसे कि खनन, हाइड्रोकार्बन निष्कर्षण, गहन कृषि और पशुपालन, तथा पेट्रोकेमिकल, मोटर वाहन और पर्यटन उद्योग – तो ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 या 2 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रख पाना असंभव हो जाएगा, जिसके हम सभी पर और हमारे ग्रह के लिए विनाशकारी परिणाम होंगे

उपनिवेशवाद, नस्लवाद और पितृसत्ता के परिणाम के रूप में जलवायु परिवर्तन

यहाँ चियापास में, हम नहीं जानते कि कब या किस तीव्रता के साथ बारिश होने वाली है; हम नहीं जानते कि सूखा मौसम कब समाप्त होगा या कितना तीव्र या लंबा होगा। नतीजतन, कैंपेसिनास और आदिवासी महिलाओं को अब पता नहीं है कि मकई को कब बोना है, जो कि हमारा मुख्य खाद्यान्न है।

सूखे और बाढ़ के कारण फसलों का नुकसान निराशा और भूख को जन्म देता है। यह कई परिवारों को ताड़ के की एकल खेती जैसी विनाशकारी परियोजनाओं के लिए अपनी ज़मीन बेचने या किराए पर देने के लिए मज़बूर कर देता है। इसके करना पैदा होने वाली निराशा कई पुरुषों को शराब की ओर ले जाती है, जो उन्हें और अधिक हिंसक बना देती है। जनवरी से सितंबर 2021 तक, चियापास ने घरेलू हिंसा के 2,873 मामले, बलात्कार के 365 मामले और 38 स्त्री-हत्या के मामले दर्ज किए । पीड़ितों में से, 41.9% घरेलू कामगार थे, जिनमें से कई होंडुराज़, ग्वाटेमाला और अल सल्वाडोर के प्रवासी भी थे। पर्यावरणीय क्षति, सैन्यीकरण और हिंसा के सामने, महिलाएं अक्सर प्रवास को अपने एकमात्र अवसर के रूप में देखती हैं। हमारी महिला और मेगाप्रोजेक्ट कार्यशाला में भाग लेने वाली एक महिला का यह कहना था:

“[कॉर्पोरेट और/या सरकारी प्रतिनिधि] वादा करते हैं कि मेगाप्रोजेक्ट विकास, प्रगति और नौकरियां लाएंगे, लेकिन यह झूठ है। महिलाओं ने हिंसा में वृद्धि का ज़िक्र किया। जैसे ही हमारे साथी अपनी नौकरी खो देते हैं, वे शराब और नशीली दवाओं की ओर रुख करते हैं। हिंसा बढ़ती है, और पलायन बढ़ता है। पति चले जाते हैं, और वे अपनी पत्नियों को बच्चों के साथ छोड़ जाते हैं। आखिरकार, [महिलाएं] भी पलायन करती हैं।” महिला और मेगाप्रोजेक्ट्स: सामुदायिक प्रतिरोध निर्माण कार्यशाला की एक प्रतिभागी, जून 2021

महिलाएं इस स्थिति को बदल सकती हैं—और हम यही कर रहे हैं

चियापास में, कई महिला समूह अपनी भूमि और क्षेत्रों को पुनः प्राप्त करने और पुनर्स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं। वास्तव में, वे ऐसे ठोस कार्य विकसित कर रहे हैं जो संसाधनों तक सीमित पहुंच वाले समुदायों में रहते हुए पर्यावरणीय न्याय में योगदान करते हैं। यह सामाजिक-पर्यावरणीय मुद्दों और टकरावों के प्रति उनके खतरों को और अधिक बढ़ाता है। उनके शब्दों में:

“मेगाप्रोजेक्ट्स [जिसे सरकार और निगम] हम पर और हमारी ज़मीन पर थोपना चाहते हैं, यह सब कुछ खत्म कर देंगे। वे फसलों और हमारी पारंपरिक चिकित्सा को नष्ट करने जा रहे हैं। इसलिए मैं यहाँ हूँ, बचाव कर रही हूँ। आइए अपने क्षेत्रों में हमारे पास मौजूद हर चीज़ की रक्षा करें।” महिला और मेगाप्रोजेक्ट्स: सामुदायिक प्रतिरोध निर्माण सभा की एक प्रतिभागी, जून 2021

इसी तरह, उनके काम एक तरह से जलवायु न्याय में योगदान करते हैं – कि अक्सर महिलाएं ही होती हैं, जो कि अपने आयोजन और अपने श्रम के माध्यम से, अपनी संस्कृतियों को जीवित रखी हुई हैं और अपने पैतृक ज्ञान के माध्यम से अपनी भूमि की जैव विविधता को पुनः प्राप्त कर रही हैं। इस तरह, ज़मीनी स्तर पर मौजूद महिलाएं जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में मदद करती हैं। उनके शब्दों में, उनके द्वारा किए जाने वाले कुछ प्रयास यहां दिए जा रहे हैं:

“स्थानीय स्तर पर, हम अपने परिवारों को सहयोग करने और स्वस्थ खाने के लिए कृषि-पारिस्थितिकी और मुर्गी पालन, [जिसमें शामिल है] अंडा उत्पादन कर रहे हैं,  हमारे परिवारोंकी खाद्यान की आवश्यकताओं को पूरा करने वाली फसलों के प्रबंधन के लिए हम वर्मीकम्पोस्ट/ कीड़ा खाद का उपयोग कर रहे हैं [एक जैविक उर्वरक जो नाइट्रोजन, पोटेशियम, फास्फोरस, और मैग्नीशियम के साथ-साथ खनिजों से परिपूर्ण है जो मिट्टी की बहाली करता है और पोषक तत्वों को बढ़ावा देता है], और हम अपनी[पीने] पानी की ज़रूरतें पूरी करने के लिए खुद को संगठित कर रहे हैं साथ। हम ठोस कचरे और गंदे पानी [टॉयलेट के पानी के बिना घरेलू अपशिष्ट जल] के प्रबंधन प्रयासों को अंजाम दे रहे हैं। हम हमेशा सोचते रहते हैं कि हम अपने मुंह में क्या डाल रहे हैं – अपने और अपने बच्चों के लिए, अपने परिवारों और अपने समुदाय के लिए। हम [हमारी भूमि] की रक्षा जारी रखने के लिए समझौतों पर काम कर रहे हैं और निष्कर्षण मॉडल का मुकाबला करने के लिएएक-दूसरे के साथ अपने प्रयासों की जानकारियों को साझा कर रहे हैं। इसके अलावा, हम अपने क्षेत्रों के लिए संघर्ष जारी रखने और अपने ज़मीन के अधिकार के लिए लड़ने के लिए सामूहिक और समुदायों के साथ अपने गठबंधन को मजबूत कर रहे हैं। हम स्थानीय और क्षेत्रीय स्तर पर स्वच्छ, स्वस्थ भोजन बेचने के लिए छोटे [कृषि] उत्पादकों के साथ भी आयोजन कर रहे हैं।” – खाद्य संप्रभुता, स्वास्थ्य और क्षेत्रों की रक्षा के लिए महिलाएं: मेक्सिको के दक्षिणपूर्व में पाम ऑयल के विस्तार के लिए विकल्प का निर्माण सभा की एक प्रतिभागी, मार्च 2021

इन साक्ष्यों से पता चलता है कि जलवायु निर्णय लेते समय स्थानीय महिलाओं के ज्ञान को ध्यान में रखना चाहिए और शामिल किया जाना चाहिए। स्पष्ट रूप से कहा जाए तो: ग्लोबल वार्मिंग तब तक नहीं रुकेगी जब तक कि निष्कर्षण के काम मौजूद हैं। इसे तभी रोका जा सकता है जब हम महिलाओं की बात और उनके ज्ञान को ध्यान में रखते हुए, हम स्थानीय स्तर पर पर्यावरण और जलवायु न्याय के लिए संगठित होकर लड़ें। इसे तभी रोका जा सकता है जब हम तापमान माप से परे और उन लोगों की आंखों की ओर अपनी नजरें बढ़ाएं जो इसके प्रभावों के कारण सबसे ज़्यादा पीड़ित हैं।

 

अगुआ वाई विदा: मुजेरेस, डेरेचोस वाई एम्बिएंट  एक पारिस्थितिक नारीवादी संगठन है जो दक्षिणी मेक्सिको में चियापास, ओक्साका और टबैस्को में महिलाओं के साथ काम करता है। उनका उद्देश्य सामाजिक और पर्यावरणीय न्याय को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं के मानवाधिकारों और पानी, भूमि और आम लोगों के अधिकारों के बीच अंतरनिर्भरता को मजबूत करने के के लिए कार्यों को विकसित करना है। वे तीन परस्पर संबंधित कार्यक्रमों के माध्यम से अपना काम करते हैं: पर्यावरण अधिकार और न्याय कार्यक्रम, शरीर-से-पृथ्वी क्षेत्र कार्यक्रम, और घरेलू कार्य और देखभाल कार्यक्रम। वे जो रणनीतियाँ अपनाते हैं वे हैं प्रशिक्षण, अनुसंधान, संचार, जुड़ाव बनाना और नेटवर्किंग और नारीवादी सक्रियता। आप उन्हें फेसबुक , ट्विटर और इंस्टाग्राम पर फॉलो कर सकते हैं 


Related Post

Anamika Dutt's picture with the text, "welcoming Anamika Dutt, GAGGA's PMEL Officer"

Welcoming Anamika Dutt As GAGGA’s Planning, Monitoring, Evaluation & Learning (PMEL) Officer!

Anamika Dutt is a feminist MEL practitioner from India. Anamika believes that stories of change and impact are best heard…

See more

Bringing Local Realities to Board Level: GAGGA and Both ENDS Partners at the GCF B38 in Rwanda

Last week Both ENDS participated in the 38th Board Meeting of the Green Climate Fund in Kigali, Rwanda, together with…

See more

We Women Are Water – Call To Action To Support And Finance Gender Just Climate Action

Gender just climate action and solutions are in urgent need of your support Women, girls, trans, intersex, and non-binary people…

See more

Subscribe to our newsletter

Sign up and keep up to date with our network's collective fight for a gender and environmentally just world.