GAGGA ने 2022 #WeWomenAreWater अभियान शुरू किया
बहुत हुये झूठे जलवायु समाधान, अब समय आ गया है कि जलवायु और जल संकट के उचित समाधान के लिये संसाधन जुटाए जायें
इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) की छठी आंकलन (असेसमेंट) रिपोर्ट की दूसरी किस्त ने पिछले सप्ताह यह स्पष्ट कर दिया था: जलवायु परिवर्तन मानव कल्याण और ग्रहों के स्वास्थ्य के लिये एक खतरा है, और ठोस वैश्विक कार्यवाही में किसी भी तरह की और देरी करना सभी के लिये रहने योग्य और टिकाऊ भविष्य को सुरक्षित करने के लिये एक छोटे और तेजी से समाप्त हो रहे मौके को खो देगा।
रिपोर्ट ने एक और बिंदु भी स्पष्ट किया: न्याय और समानता को प्राथमिकता देते हुये वैज्ञानिक, स्वदेशी और स्थानीय ज्ञान को एक साथ लाने से अधिक प्रभावी जलवायु समाधान प्राप्त होंगे। इस तरह के समाधान पहले से मौजूद हैं और दुनिया भर में महिलाओं, लड़कियों, ट्रांस, इंटरसेक्स और गैर-बाइनरी लोगों द्वारा लागू किये जा रहे हैं – जो आम तौर पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से सबसे पहले प्रभावित होते हैं और जो निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में अनदेखी के बावजूद स्थानीय जलवायु कार्यों का नेतृत्व करते हैं। प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर, ये लोग स्थानीय, पारंपरिक और स्वदेशी ज्ञान का उपयोग ऐसे जलवायु समाधान विकसित करने के लिये कर रहे हैं जो जल संसाधनों – तटीय आवास बहाली और सामुदायिक जल प्रबंधन से लेकर वर्षा जल संचयन प्रणालियों और खाद्य वनों तक – को सुरक्षित और संरक्षित करते हैं।
दुर्भाग्य से, इन पहलों को निहायती कम वित्त पोषित किया गया है। और जलवायु परिवर्तन एवं जलवायु से संबंधित पानी की कमी से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले लोगों को बड़े पैमाने पर उस वित्तपोषण तक पहुँच से बाहर रखा गया है जो जलवायु परिवर्तन को संबोधित करने के लिये शमन और अनुकूलन कार्यों का समर्थन करता है। दुनिया भर में केवल 0.01% फंडिंग उन परियोजनाओं का समर्थन करती है जो जलवायु और महिला अधिकारों, दोनों को संबोधित करती हैं।
इसलिये इस वर्ष हम अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) से विश्व जल दिवस (22 मार्च) तक अपने वार्षिक #WeWomenAreWater अभियान के दौरान पानी से सबंधित जेंडर-न्यायपूर्ण जलवायु समाधान प्रदर्शित करेंगे। ये केस विकास वित्त संस्थानों और जलवायु निधियों (फंडस) को दिखाते हैं कि उन्हें संसाधनों को बड़े बाँध और मोनोकल्चर वृक्षारोपण जैसी पर्यावरणीय विनाशकारी परियोजनाओं जोकि मानव अधिकारों का उल्लंघन करती हैं और पानी को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती हैं से हटा कर, समुदाय के नेतृत्व वाली पहल के लिये लगाने की आवश्यकता है जो सक्रिय रूप से जेंडर असमानताओं को चुनौती देते हुये जलवायु परिवर्तन को संबोधित करती हैं। हम यह भी कहते हैं कि निवेशक और पेंशन फंड अपने निवेश को सतत विकास लक्ष्यों के साथ संरेखित करते हुये इन स्थानीय जलवायु समाधानों को शामिल करने के लिये अपनी प्रतिबद्धताओं का विस्तार करें।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से शुरू होकर, ग्लोबल अलायंस फॉर ग्रीन एंड जेंडर एक्शन (GAGGA) और हमारे सहयोगी ग्वाटेमाला, पराग्वे, फिलीपींस, मोज़ाम्बिक, नेपाल और नाइजीरिया से सोशल मीडिया पर वो कहानियाँ पोस्ट करेंगे, जहाँ जलवायु वित्त कर्ता जलवायु संकट के लिये उन तकनीकी समाधानों में निवेश करते हैं जो कॉर्पोरेट मुनाफे की रक्षा करते हुये भूमि, खाद्य संप्रभुता और पानी तक लोगों की पहुँच के साथ महत्वपूर्ण पारिस्थितिक तंत्र को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं। हम उन केसों पर भी प्रकाश डालेंगे जहाँ GAGGA समर्थित समुदायों की सीमित जल सुरक्षा, जीवाश्म ईंधन निष्कर्षण में निरंतर निवेश से भी जटिल हो गयी है। हालाँकि ये कहानियाँ एक छोटा सा नमूना भर हैं, लेकिन ये दुनिया भर के कई समुदायों की वास्तविकता को दर्शाती हैं।
स्थानीय स्तर पर उचित, समावेशी और टिकाऊ जलवायु समाधान पहले से मौजूद हैं – अब संसाधन उन्हें देने का समय है। जलवायु वित्त पोषण इन महिलाओं के नेतृत्व वाले, परिवर्तनकारी जलवायु समाधानों का समर्थन करें जो “हमेशा की तरह पुराने ढर्रे वाले” समाधानों के बजाय लोगों और ग्रह को प्राथमिकता देते हैं – यह मांग करने के लिये अभियान में शामिल हों।
सोशल मीडिया टूलकिट यहाँ देखें और #WeWomenAreWater और #LasMujeresSomosAgua का उपयोग करके फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर अभियान को फॉलो करें।
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अभियान की कहानियां
नाइजर डेल्टा में महिलायें गरान (मैंग्रोव) वनों को पुनर्स्थापित करती हैं
जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिये मगर महिलायें स्वदेशी ज्ञान का उपयोग करती हैं
खूम (Qom) महिलायें परागुआयन चाको में मूल जंगल बनाये रखती हैं
माया चोर्टी की महिलाओं ने अपने क्षेत्रीय अधिकारों और पानी की पहुँच को पुनः प्राप्त किया
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